मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गंगा की तरह गोमती को भी स्वच्छ व निर्मल बनाना होगा। सरकार इस दिशा में प्रयास कर रही है, लेकिन हर व्यक्ति को अपना सहयोग देना होगा। प्लास्टिक का प्रयोग रोक कर पर्यावरण प्रदूषण के साथ ही सेहत में भी सुधार किया जा सकता है।
वह शनिवार को अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कंवेंशन सेंटर में आयोजित मां शारदालय के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने प्रशासनिक भवन के सामने टेनिस लॉन में बने मंदिर में दर्शन भी किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदिर में सरस्वती के साथ धनवंतरि की प्रतिमा स्थापित की गई है। हर साल सरस्वती पूजन के बाद मूर्ति विसर्जन करना पड़ता था। इससे गोमती में प्रदूषण फैलता था। जल की महत्ता को समझते हुए यह प्रयास किया गया है। जल स्वच्छता की दिशा में हर व्यक्ति को आगे आना होगा। जल संस्कृति के प्रति लोगों को जागरूक करना होगा।
उन्होंने नमामि गंगे का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) के अभ्यास के दौरान तमाम नौजवान चर्मरोग से ग्रसित हो जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होता है। इसके लिए कानपुर से प्रतिदिन बहने वाले 140 एमएलटी सीवर को बंद कराया गया। वहां से निकलने वाले अवशिष्ट को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के जरिए रोका गया। चमड़ा उद्योग से जुड़ी कंपनियों को भी इसके लिए बाध्य किया गया।